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आरक्षण

kahani
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रिजल्ट

आज उसने बड़े बेमन से अखबार खरीदा है । शासकीय सेवाओं के लिए ली गयी परीक्षा का परिणाम अखबार में दिया गया है । मुख्य पृष्ठ पर प्राधानमंत्री द्वारा कुछ विशेष जातियों के उत्थान के लिए शासन द्वारा प्रारंभ की गयी योजनाओं की जानकरी है । वैसे उसे मुख्य पृष्ठ पढना भी नहीं है । दूसरा पृष्ठ विज्ञापनों से भरा है । चैथे पृष्ठ पर परीक्षा परिणाम है पर वह तीसरा पृष्ठ पढ रहा है इसमें खेल समाचार हैं । परीक्षा परिणाम देखना तो मात्र औपचारिकता है परिणाम तो पता ही है । गावस्कर की सचिन पर की गयी टिप्पणियों को वह पूरा पढ जाता है । पांचवे पृष्ठ पर कुछ नौकरियों के विज्ञापन है परन्तु सभी विशेष भरती अभियान के अंतर्गत है । अब वो जबरन ही अंतिम पृष्ठ पढ रहा है जिसमे शेयर मार्केट एवं भाव के साथ साथ शब्द पहेली भी दी है । अब वह अखबार मोड़ कर चाय के ठेले की तरफ बढ गया है । वो चाय पीते पीते फिर अखबार खोल लेता है और अपने रोल नम्बर के न होने की पुष्टि करता है ।

वैसे वो एक होशियार लड़का है उसके नंबर भी जरूर अच्छे होंगे पर राजनीति ,राजनीति हुआ करती है उसमे मानवीय मूल्यों से ज्यादा सत्ता प्राप्ति का महत्त्व होता है । सत्ता प्राप्त करने के लिए सारे मापदंड बदले जा सकते है । राजनीति घना कला अँधेरा है । उसकी आशाएं कभी किनारे से, कभी मझदार से, कभी टकराकर कभी बिना टकराए लौट आती हैं । पानी की धार दूर तक बहते बहते रेत का समुन्दर र्हो जाती है । खरगोश जैसे पैर गर्म रेत में भुनकर मर से जाते है, परन्तु फिर भी जीवन यात्रा पूरी करनी पडती है ऐसी यात्रा जो कभी पूरी नहीं होती । अर्थहीन संवादों में बीतते दिन, संवेदनाहीन मुलाकातों में गुजरती शाम और बेरंग सपनों में जागती राते , जीवन को परिभाषित करती है । चुनावी भाषणों के दल-दल में फँसी, जातिवादी जंजीरों में सडती लोक तंत्र की सांसें जैसे तैसे देश के मुर्दे शरीर को कम मुर्दा प्रदर्शित करती हैं । वो घने काले अँधेरे में घिरा हुआ है । घने काले अँधेरे में योग्यता महत्वपूर्ण नहीं होती एक जाति विशेष में जन्म लेने की पीडा उसे भोगनी ही पडेगी । वो अब मुख्य पृष्ठ पढ रहा है ,प्रधानमंत्री का कहना है की आरक्षण का प्रतिशत जातिवाद समाप्त करने की दिशा में कदम है । वैसे घने काले अँधेरे में भी कहा जाता है की समानता का अहिकार मूल अधिकार है ।

मधुर मोहन मिश्र

मंडला

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